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जैकपॉट से कम नहीं भारत माला मुआवजा राशि का यह अदभुत जमीनी खेल…….कौन खिलाड़ी और कौन अनाड़ी ..?

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक भारतमाला परियोजना अंतर्गत उरगा से पत्थलगांव तक फोर लेन सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है। यह परियोजना रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ क्षेत्र से गुजर रही है।

जानकारी के मुताबिक़ धरमजयगढ़ क्षेत्र से गुजरने वाली इस सड़क परियोजना का कुछ हिस्सा धरमजयगढ़ क्षेत्र में प्रस्तावित कर्नाटक पॉवर कोल ब्लॉक अंतर्गत आने के कारण सड़क निर्माण कार्य के कुछ हिस्से का एलाइनमेंट बदला गया है। नए एलाइनमेंट में प्रभावित होने वाली निजी जमीनों पर अनगिनत शेड और अस्थाई पोल्ट्री फार्म बना दिए गए हैं। इस मामले में एनएचएआई कोरबा इकाई के परियोजना निदेशक द्वारा रायगढ़ जिले के कलेक्टर को पत्र लिखा गया है। जिसमें नए एलाइनमेंट में प्रभावित भूमि पर बनाए जा रहे शेड और अस्थाई पोल्ट्री फार्म को अवैध करार देते हुए निर्माण को हटाने का अनुरोध किया गया है। जिसके बाद इस मामले में धरमजयगढ़ तहसीलदार ने कई किसानों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

इस मामले में प्रभावित किसानों की राय अलग है। किसानों का मानना है कि उन्होंने अपनी निजी भूमि पर शेड और अस्थाई पोल्ट्री फार्म बना कर कोई गलत काम नहीं किया है। हालांकि, परियोजना निदेशक द्वारा रायगढ़ कलेक्टर को लिखे गए पत्र में बताया गया है कि ड्रोन सर्वे में किसी तरह का स्ट्रक्चर नहीं पाया गया था। अब नए एलाइनमेंट में लाल झंडा लगाकर चिन्हांकित किया गया था जिसे बाद में हटा लिया गया है। नए एलाइनमेंट और निर्माणाधीन शेड और पोल्ट्री फार्म के सेंटर प्वाइंट में समानता इस पूरे खेल की पोल खोल रही है।

इस मामले में स्थानीय प्रशासन का मानना है कि जिन प्रभावित किसानों की निजी भूमि पर शेड और पोल्ट्री फार्म बनाए गए हैं उनका कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है, केवल स्ट्रक्चर खड़ा कर दिया गया है। ऐसे में इस निर्माण कार्य के उद्देश्य को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। इससे लगता है कि सिर्फ अधिक मुआवजा पाने के लिए संगठित तौर पर इस कारनामे को अंजाम दिया जा रहा है। फिलहाल इस मामले में प्रशासन की कार्रवाई जारी है और हितबद्ध सभी पक्षों की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं।

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